तेरे संग बिताये वो हर लम्हे का हिसाब देना चाहती हूँ मेरे मित्र ....गर ज़िंदगी यूँ ही साथ चलने की इज़ाज़त तो दे ...आमीन
तेरे संग बिताये वो हर लम्हे का हिसाब देना चाहती हूँ मेरे मित्र ....गर ज़िंदगी यूँ ही साथ चलने की इज़ाज़त तो दे ...आमीन
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