तेरे स्पर्श को तरसती रही
तेरी चाहत के लिए तड़पती रही
इंतज़ार !!!
उम्र भर किया मैंने
तेरी ज़ुस्तज़ू
तेरी आरज़ू में।
पर अजनबी
क्या तुझे भी
है आरज़ू मेरी ????
तेरी चाहत के लिए तड़पती रही
इंतज़ार !!!
उम्र भर किया मैंने
तेरी ज़ुस्तज़ू
तेरी आरज़ू में।
पर अजनबी
क्या तुझे भी
है आरज़ू मेरी ????