Wednesday, August 1, 2012

जियें सभी बहनों के भाई

जियें सभी बहनों के भाई  !!! कही भी रहें ...दूर और पास कोई मायने नहीं रहता.....बस वो सलामत रहें !!!! राखी का त्यौहार करीब आ रहा है , चारों तरफ राखियाँ ही राखियाँ .....दुकाने सजी हैं रंग  बिरंगी राखियों से ...बड़ी , छोटी , रेशम के धागों से.....

मै चाहती हूँ की मैं इस त्यौहार को निर्विकार  हो कर देखूं पर चाहने से भी ऐसा कर नहीं पाती जाने क्यों विचलित हो ही जाती हूँ ....न भीगने वाली इन आँखों में बरबस  पानी आ ही जाता है ! जो खो गया ,जो बिछुड़  गया हमेशा के लिए उसकी याद में ....

जब वो था तो, मिलूं  या न मिलूं पर उसके लिए दिल से दुआ करती थी , उसकी लम्बी उम्र ,उसकी खुशहाल जिन्दगी के लिए.....बस एक सादी सी राखी का धागा  बहुत  लगता था मुझे .....जिसमें  लपेट के मैं अपनी सारी शुभ-कामनाए उसे भेज देती थी और ख़ुशी ख़ुशी  ये त्यौहार बच्चों  के साथ बीत जाता था .   

मेरी बेटी नहीं पर घर पर फिर भी रौनक बनी रहती थी . अपने भाइयों को राखी बांधने उनकी मैंने  मौसी और बुआ की बेटियां आती और उनसे पूजा का सामान लगवाती ,दिया जलाकर भाईयों  को राखी बंधवा , मुझे   लगता मैंने  मेरे एकलौते छोटे भाई को अपना आशीर्वाद दे दिया ..

पर आज जब वो इस दुनिया में  नहीं रहा तो ..उसकी कमी का अहसास बना रहता है .कोई भाइयों से जुड़ी  बातें करें तो मेरी आँखें भर आती हैं ...दूर ही सही पर था तो ......किसी अपने को  खोना कितना दुखदायी होता....जो खो दे वही महसूस करता है !

कल राखी है और मैं  दिल से  सभी बहनों के भाइयों को दुआ देती हूँ वो सलामत रहें ... खुश रहें !!!!!!